नानी की कहानी- बचपन के संस्कार
सारी कहानिया यही सिखाती,
दुःख में ना टूट और सुख में ना इतरा।
संस्कार है ये बचपन के,
किस्से है नानी की कहानी के।
हिंदी के लिए हमे डायल करे
सारी कहानिया यही सिखाती,
दुःख में ना टूट और सुख में ना इतरा।
संस्कार है ये बचपन के,
किस्से है नानी की कहानी के।
हम सब बड़े हुए। बचपन भी कही खो गया। पिताजी ने धुप में मुझे बांधा तो नहीं लेकिन सुनहरी धुप ने मेरे दिल में हमेशा के लिए घर बना लिया था।
सुनहरी धुप | Interesting Childhood Stories To Cherish Lifetime आगे पढियेवो बचपन बड़ा अमीर था
कभी मै मालिक कश्ती का था,
भले वो कागज़ की थी
पर किनारे जरूर आती थी।
Best short poem on bachpan in Hindi