
शोर । अधूरे सपनो की कविता
ऐ खुदा!!! आज पूछता हु तुझे,
मेरे मन में ये कैसा शोर हैं?
दिल आज भी भटकता हैं,
जैसे मेरी मंजिल कही और हैं।
हिंदी के लिए हमे डायल करे
ऐ खुदा!!! आज पूछता हु तुझे,
मेरे मन में ये कैसा शोर हैं?
दिल आज भी भटकता हैं,
जैसे मेरी मंजिल कही और हैं।
मुरदाघर का नाम सुन के शेखर डर गया। उसको सहमा देख के शम्भू बोला, “येही वजह से मैं पैसे कमाई कर रहा हु। सभी लोग डरते हैं वहां जाने को। इसलिए कोई नहीं मिलता काम करने को। मैं करता हु तो मुझे पैसा भी बढ़िया मिलता हैं। मैं दारु लेके जाता हु और पीके सो जाता हु। मुरदों के साथ, मुरदा घर में।”
मुर्दाघर और जिन्दा लाश आगे पढियेतुम से जुदा होकर
कहा जी पाएंगे हम,
सांसे गिनते रहेंगे …
तुम्हारी यादों के संग।
मान मिले कभी अपमान सही,
करता सब का स्वीकार रे,
झोली मेरी सदा रहे खाली,
मन भर के लेकिन जीता रे।
मैं फ़क़ीर कहलाता रे…….
हाँ! मेरा पुराना इश्क चाहता हु।
शायद दबा सा,डरा सा सही,
लेकिन सच्चा हमदर्द चाहता हु।
हाँ! मैं आज भी मुहब्बत,
पुराने ज़माने वाली चाहता हु।
तुम नहीं हो मेरी जिंदगी में,
लेकिन एक आस लगाये बैठे है।
कभी तो वो मोड़ पे तुम फिर से मिलोगी,
ये शमा दिल में सुलगाये बैठे हैं।
अशोक घर के अन्दर था लेकिन दूर से झरनों के पानी की आवाज वहाँ तक पहुच रही थी। उसने डायरी के पन्ने खोले और उसमे उसने वो पेन से लिखा ,
“मौत का राज”
सोचते हैं की दुनिया में कुछ ही कर सकते हैं,
ऐसे कुछ….. सोचने वालो के लिए कर ऐसा।
तेरे हौसलों में तू इतनी ताकद भर दे,
की हर कोई बनना चाहे तेरे जैसा।
तुम मेरे लिए क्या हो,
ये तुम जानते नहीं।
जिक्र सारे जहा से हैं,
लेकिन तुम्हे इसकी कोई फिक्र नहीं।
बच्चों के लिए मनोरंजक, मजेदार और प्रेरक कहानियां। Best Hindi Moral Stories For Kids | प्रेरणा दायक कहानियाँ
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