तुम से जुदा होकर -एक दर्द भरी कविता

tum se juda hokar

दर्दे जुदाई का ग़म क्या होता हैं ये वही बदकिस्मत जानते हैं ,जिसने यह ग़म सहा है। और जब हमेशा का बिछड़ना किस्मत में लिखा हो तो ?

ग़म -ऐ -जुदाई बया की हैं किसी दुखी दिल ने….

कुछ ऐसे……

तुम से जुदा होकर
कहा जी पाएंगे हम,
सांसे गिनते रहेंगे …
तुम्हारी यादों के संग।

हाँ! हम यही रहेंगे और तुम्हारी यादें भी,
यही कारवां हमेशा चलता रहेगा।
माना के दूर हो तुम,
लेकिन यह प्यार, वैसे ही रहेगा।

मौसम जैसे करवट लेता हैं,
पतझड़ के बाद सावन आता हैं।
उसी आस में जी रहा हु,
दुःख के आंसू पी रहा हु।  

दे सको माफ़ी मुझे,
अगर मिल न सका इस जिंदगी में तुझसे।
यकीन रखना, मेरी आँखों में भी ,
इन्तेजार वही रहेगा।

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