काफिला | An endless Journey
सुबह उठा और खिड़की से देखा तो मुझे वहां कोई भी झोपड़ी दिखी नहीं। मैं जल्दी से कपडे पहन के उधर भागा। देखा तो सच में वहा कोई नहीं था। सब लोग चले गए थे। वो अम्मा, वो बच्चे और काफिला। पीछे कुछ भी नहीं बचा था।
काफिला | An endless Journey आगे पढिये