तुम नहीं हो- एक दर्द भरी दास्ताँ
तुम नहीं हो मेरी जिंदगी में,
लेकिन एक आस लगाये बैठे है।
कभी तो वो मोड़ पे तुम फिर से मिलोगी,
ये शमा दिल में सुलगाये बैठे हैं।
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तुम नहीं हो मेरी जिंदगी में,
लेकिन एक आस लगाये बैठे है।
कभी तो वो मोड़ पे तुम फिर से मिलोगी,
ये शमा दिल में सुलगाये बैठे हैं।
हाथ हातों में लेके,
चलना था।
दुनियां की रंगत,
तुम्हारे साथ देख लेते।
अगर तुम रुक जातें तो…
ना किसी से कोई शिकायत,
ना गम दिल टूटने का है।
मत कर ऐ दिल कोई गुजारिश,
अब दोस्ती तनहाई से है।
संग हमेशा रहते,
किसी से न कहतें|
दो किनारे हैं,
यह कभी न मिलतें|
Sad Poem In Hindi,
Sad Poem In Hindi About Life