Tum nahi ho

तुम नहीं हो- एक दर्द भरी दास्ताँ

तुम नहीं हो मेरी जिंदगी में,
लेकिन एक आस लगाये बैठे है।
कभी तो वो मोड़ पे तुम फिर से मिलोगी,
ये शमा दिल में सुलगाये बैठे हैं।

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