एक आखिरी प्रयास | One Last Try | Story For Kids In Hindi With Moral

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बहोत बार ऐसे होता है की इंसान किसी चीज को हासिल न कर सके तो उसको छोड़ देते है। पर कभी कभी एक आखिरी मौका, आखिरी प्रयास हमें अपने मुकाम की बुलंदियों पे पंहुचा देता है।

रामनगर नाम का एक गाव था। गोविन्द नाम का एक होशियार लड़का वहा रहता था। पढाई में काफी तेज होने के साथ वो अपने दादा और दादी को काम में हमेशा मदत करता। उसके माँ पिताजी नहीं थे। उनके गुजर जाने के बाद दादा दादी ने ही उसको पालपोस के बड़ा किया था।

गोविन्द सबको बड़ा मान देता। सबका बड़ा चहेता था वो। उसको कक्षा में हमेशा अव्वल नंबर आते।

कुछ साल बाद जब गोविन्द बड़ा हुआ तब वो जिल्हा कलेक्टर(जिल्हाधिकारी) की परीक्षा की तयारी कर रहा था। शहर जा के होस्टल पे रह कर परीक्षा की तयारी कर रहा था। लगातार चार साल प्रयास करने के बाद भी सफलता नहीं मिली तो वो निराश हो कर गाँव वापस आया।

गाँव आके वो हमेशा नाराज रहता था। ये सब दादा दादी से छुपा नहीं था। कुछ दीन बित जाने के बाद गोविन्द को उसके दादा ने अपने कमरे में बुलाया और कहा “अरे गोविन्द, बेटा मैं देख रहा हु की तुम हमेशा नाराज रहते हो, कोई परेशानी है क्या?”

“नहीं दादाजी, मैंने काफी साल से परीक्षा की तयारी की थी पर लगता है मेरे नसीब में अफसर होना नहीं लिखा।अब मैं दूसरे काम की तलाश करना चाहता हु। पता नहीं क्या होगा इसी लिए थोडा उदास हु” गोविन्द बोला।

इसपर दादी बोली “ बेटा, कोशिश करते रहना चाहिए। अपनी मेहनत पर भरोसा रखो और अपना काम पूरी ईमानदारी से करो। क्या पता शायद ये तुम्हारा आखरी प्रयास तुम्हे तुम्हारी मंजिल तक ले जाये।”

गोविन्द को दादी की बात समझ आ गयी। वो दुसरे ही दिन शहर जाने की तयारी करता है। इस बार बहोत आत्मविश्वास के साथ वो शहर जाता है। पुरे लगन से वो इस बार परीक्षा की तयारी करता है।

और वो बहोत अछे नंबर से पास होने के साथ जिल्हा कलेक्टर (जिल्हाधिकारी) की नोकरी लग जाती है।

गोविन्द को जैसे ही पता चलता है वो खाना पीना भूल के दादा दादी से मिलने अपने गाँव भागता है। घर पहुचते ही दादी के पैर पकड़ लेता है और रोने लगता है।

“दादी , अगर मैंने तुम्हारी बात सुनी न होती और आखिरी प्रयास नहीं किया होता तो शायद मै गलत होता। शुक्रिया दादा दादी! तुम्हारी वजह से आज मै अपनी मंजिल पहुच गया हु।”

सिख- हमे अपने सपनो को पूरा करने के लिए पूरी कोशिश करनी चाहिए। क्या पता शायद अपना अगला प्रयास ही हमें सफल बना दे|हमे हार नहीं माननी चाहिए

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