तुम से जुदा होकर -एक दर्द भरी कविता
तुम से जुदा होकर
कहा जी पाएंगे हम,
सांसे गिनते रहेंगे …
तुम्हारी यादों के संग।
हिंदी के लिए हमे डायल करे
तुम से जुदा होकर
कहा जी पाएंगे हम,
सांसे गिनते रहेंगे …
तुम्हारी यादों के संग।
डूबते हुए सूरज को,
शायद मैं रोक लेती।
वो अजनबी मुलाकात,
कभी खत्म ना होती।
कभी किलकारियां गूंज उठती थी,
रोज कानोमें जगाने को।
आज शाम भी दस्तक नहीं देती,
बत्तियां लगाने को।