
सुना आंगन | Heart Touching Hindi Poem
कभी किलकारियां गूंज उठती थी,
रोज कानोमें जगाने को।
आज शाम भी दस्तक नहीं देती,
बत्तियां लगाने को।
हिंदी के लिए हमे डायल करे
कभी किलकारियां गूंज उठती थी,
रोज कानोमें जगाने को।
आज शाम भी दस्तक नहीं देती,
बत्तियां लगाने को।
गली के उस कोने से आवाज आयी,
सुना है किसी के नाम की चिट्ठी आयी।
मन मोर बन के नाचने लगे,
लगा जैसे बिन बादल बरसात आयी।
सुना है किसी के नाम की चिट्ठी आयी।
तुम्हारा गुलशन होना,
हमें ये है सिखाता,
जिंदगी भले ही बेरंग हो,
गुलमोहर जरुर है खिलता।
कई ख्वाब सजाये है,
हमने तुम्हारे लिए।
बन जाओ तुम हमसफ़र,
हमारे लिए।
याद है तुम्हे,
वो पहली मुलाकात।
जब हो रही थी बारिश,
और हम थे साथ साथ। ..
दिल ने एक बार जरुर कहा होगा,
काश! मैं और तुम कभी हम बन जाये।
दूर कही बादलों पे,
हों बसेरा मेरा।
साराँ जहा खोजता फिरू,
कहें दिल परिंदा मेरा।
ना किसी से कोई शिकायत,
ना गम दिल टूटने का है।
मत कर ऐ दिल कोई गुजारिश,
अब दोस्ती तनहाई से है।
संग हमेशा रहते,
किसी से न कहतें|
दो किनारे हैं,
यह कभी न मिलतें|
Sad Poem In Hindi,
Sad Poem In Hindi About Life
वो बचपन बड़ा अमीर था
कभी मै मालिक कश्ती का था,
भले वो कागज़ की थी
पर किनारे जरूर आती थी।
Best short poem on bachpan in Hindi
इज़हार ए मुहब्बत हम क्या करे,
बातें हजार हो आँखों से।
जब सामने है वो,
जुबां, दो बातें भी बया न करें।
प्यार के इज़हार पर कविता | Izhaar ki kavita in Hindi