इज़हार | प्यार के इज़हार पर कविता | Izhaar ki Kavita in Hindi | Hindi poem about love | Love poem for propose day

izhaar

इज़हार ए मुहब्बत हम क्या करे,
बातें हजार हो आँखों से।
जब सामने है वो,
जुबां, दो बातें भी बया न करें।

आँख उनसे मिली तो,
दुनियां भुला बैठे।
पलकें उनकी झुकी तो,
शिकवा कर गये।

यादों में उनकी,
बातें खुदसे करने लगे।
यार दोस्त मुझसे मेरी,
सलामती पूछने लगें।

शिकायत कहा करे,
गलती भी हमारी है।
उनको एक पल भी न सोचें तो,
खुदसे ही रुसवा होते है।

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