मधुमक्खी का छत्ता | best short moral story for kids in Hindi

mudhumakkhi ka chhatta

देवगढ नाम का एक गाव (village) होता है। हर तरफ हरियाली (greenery), चारो तरफ पहाड़ और बीच में ये गाव। लोग कहते थे कि देवो का वास था यहाँ। इसलिए इस गाव का नाम देवगढ पड़ा।

इस गाव में दिपक नाम का लड़का रहता था। उसकी उम्र ९ साल थी। वो बहुत ही कामचोर था। माँ बाप से जो भी पैसे मिलते उसको वो अपने दोस्तों में खर्च कर देता।

कभी तो पैसे न देने पर मम्मी से झगड़ा भी करता। उसकी ये आदत से उसके पिताजी काफी परेशान थे।

एक दिन उसको उसके पिताजी ने बुलाया, “बेटा दीपक”

“हा पिताजी”, दीपक बोला।

“मै सोच रहा था, के तुम छुट्टियों में अपने दादी-दादा के घर (Grandparent’s house) हो आओ” पिताजी दीपक की और देखके बोल रहे थे।

दीपक खुश हो गया क्युकी दादी उसको खूब पैसे देती थी खर्चा करने के लिए।

दीपक बोला, “हा पिताजी, मै जरूर जाऊंगा।”।

दीपक के स्कूल की दिवाली की छुट्टियाँ चालू हुई वैसे उसके पिताजी ने उसको दादी के यहाँ छोड़ दिया और वो चले गए।

दूसरे दिन दादी से कुछ पैसे माँग के दीपक दादी के खेत पे चला गया। दादाजी वह नौकरों को काम समज़ा रहे थे।

दीपक को देख के दादा बोले, “दीपक जरा इधर आना बेटा”

“यह क्या है पता है?” एक मधुमक्खी का छत्ता (honey bee hive) पेड़ पे लटक रहा था। उसकी ओर इशारा करते हुए बोले।

दीपक एकदम खुश हुआ, उसने मधुमक्खी का छत्ता (honey bee hive) सिर्फ टीवी में देखा था।

दीपक बोला, “वाह! दादाजी क्या ये असली वाला छत्ता है?”

दादा बोले, “हा! ये असली वाला छत्ता है। तुम्हे पता है मधुमक्खी कैसे शहद (honey) जमा करती है?”

“नहीं!” दीपक बोला।

दादा बोले, “सेकड़ो मक्खियाँ जमा होके, एक दूसरे के साथ पहले छत्ता बनाती है। फिर काफी मेहनत से दूर दराज से एक एक कर के फूलों से पराग कण जमा करते है। जिससे वो शहद बन जाता है।”

दीपक ध्यान से सुन रह था।

दादा बोले, “हम कितने आसानी से शहद घर लाते है। पर पता भी है इसके पीछे कितनी मेहनत (hard work) होती है इन मक्खियों (honey bees) की?”

“वैसे ही बेटा, जब पिताजी दिन भर काम करते है, तब जाके घर में पैसे आते है। पैसे खर्च करने से पहले अपने पिता के बारे में भी सोचना एक बार!”

“कितनी मेहनत की होगी पैसे कमाने में!”

दीपक जरा मुरझा सा गया। उसको अपनी गलती का एहसास हुआ। वो बोला, “दादू, मुझे माफ़ कर दो। आगे से मैं पैसे बेवजह ख़र्च नहीं करूँगा।”


सिख – पैसे कमाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है। इसलिए पैसे सोच समझ के खर्च करने चाइये। पैसे बचते है तो वो अपने ही काम आते है।

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