बचपन ….सभी का कुछ न कुछ यादों से भरा होता है। किसी दोस्ती की दास्ताँ या कही टूटे दिल के टुकडे किसी की जिंदगी में बिखरे होते है। लेकिन कभी किसी भाई ने अपने भाई को साथ बिताया बचपन याद दिलाया हो तो कैसा कहेगा वो।
शायद कुछ इस तरह …..
तुम्हे याद है ? वो बचपन के दिन,
जब हम सब साथ में हुआ करते थे।
झमाझम बारिश में हाथ हाथों में लेकें,
गाँव की गलियों में घुमा करते थे।
तुम्हे याद है वो स्कूल का पहला दिन,
जब तुम रो रहे थे, मना कर रहे थे।
अपना घर कब छुटा ये ख्याल भी नहीं,
जब मेरा हाथ थामें तुम चल रहे थे।
तुम्हे याद है वो किराये की साइकिल,
जिसपे तुमने पहली बार चक्कर मारा था।
तुम जल्दी सिख जाओ इसलिए,
सहारा देते मैं दूर तक भागा था।
तुम्हे याद है वो सुनहरी धुप के दिन,
दिवाली की सुबह पटाखे सुखाते थे।
अपने पुराने घर की वो छत,
जिसपे हम खेला करते थे।
तुम्हे याद है वो अमरुद की चोरी,
और नारियल के लिए पानी में कूदते थे।
गाय के बछड़ो से खेलना,
सुनहरे कीड़े के लिए पेड़ों को खोजना?
तुम्हे याद है वो इमली का पेड़,
जिसकी गोद में अपना बचपन बिता।
सारे घोंसले टूट गए पंछियों के,
सुना है तुफानो में वो गिर गया था।
अब तो बस यादे है मेरे भाई,
और वही पुराने किस्से है।
जब भी सुनहरी धुप होती है,
मुझे सिर्फ तुम्हारी याद दिलाती है।
Lajawab bhau👏👏👏👏💐💐💐💐💐💐
Thanks….