वो बचपन बड़ा अमीर था
कभी मै मालिक कश्ती का था,
भले वो कागज़ की थी
पर किनारे जरूर आती थी।
वो बचपन क्या दीवाना था
प्यार तो हर रोज होता था,
दिल दुटने के गम से
वो बचपन बड़ा अंजाना था।
वो बचपन क्या दोस्ताना था
हथेली छूते दोस्ती होती,
दुश्मनी के मतलब से
वो बचपन कही दूर था।
वो बचपन बड़ा अजीब था
शीशे से ख्वाब सजाता,
सपने टूटने के डर से
वो बचपन कहा वाकिफ़ था?
वो बचपन अभी धुन्दला है
सिर्फ यादों का बंगला है..
कभी तन्हाई में जरूर जाना वहा,
वो बचपन सब में.. कही बाकि है।
5 Comments on “बचपन पर हिंदी कविता | Best Hindi poem on bachpan | Hindi kavita on bachpan”
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Bohot badiya 👌👌👌
Thanks a lot..keep reading and share with your friends!
बेहतरीन..
👍👍👍👍
dhanyawad aapka….