इंतज़ार | Best Hindi Love Poem On Intezar

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दोस्तों प्रस्तुत हैं, मेरी नयी कविता, इंतजार

जिंदगी में अगर किसी ने,किसी का इंतजार न किया हो,ऐसा हो नहीं सकता। माँ अपने बच्चों का,बीवी अपने पति का,भाई बहन का,प्रेमी अपने प्रेमिका का।

इंतजार की घडियां जीतनी मुश्किल, लेकिन इंतज़ार करने में जो ख़ुशी हासिल होती है, उसकी बात ही कुछ अलग होती हैं।

पर कभी इंतजार का दौर सारी जिंदगी चलता है और जिंदगी बेजान सी रह जाती है।

काश! तुम आते
बेजान शांखों पर,
शायद फूल खिल जाते।

सूखे दरखतों में,
कोई गीत बजने लगता।
कुछ पल के लिए,
जिन्दा हो जाते।

सर्द मौसम में,
अपने आगोश में लेते।
प्यार की गरमाहट से,
हम दो रोज और जी जाते।

हर आहट पे नज़रे मुड़ती है,
ख़ुशी की लहर नसों में दौड़ती है।
ये दौर ऐसा ही चलता है,
हर बार मायूसी हाँथ आती है।

अब ये दिया बुझने को आया है,
टिमटिमाती लौ को,
जरा हांथों से,
सहारा देते।

रास्ता देख,
ऑंखें थक चुकी हैं।
इन रुखी सी आँखों में,
इंतजार….अभी कुछ बाकि है।

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