नानी की कहानी- बचपन के संस्कार

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वो भी क्या दिन थे जब हम बच्चे थे। कितने किस्से और कहानियो से भरा हुआ बचपन। नाना-नानी, दादा-दादी ने सुनाई कहानिया…..सुंदर सपनो जैसी होती थी कहानियों की दुनिया। कुछ ऐसी……

गर्मियों की भी छुट्टियाँ होती थी,
रात को नानी की कहानियाँ होती थी।
एक राजा होता था,
और उसकी सुंदर रानी होती थी।

कहानी चिड़िया की हो या मोर की,
राजा की हो या लोहार की।
सब की कहानी में दुःख जरुर आते थे।
लेकिन सभी उसका डट के सामना करते थे।

नानी कहानी में सब को नचाती,
हाथी हवा में उड़ते और तारे जमीन पर चलते।
बादशाह कभी भिकारी बनते,
तो कभी बन्दर राजा कहलाते।

कहानिया कभी होती दूसरी दुनिया की,
जो तारो में बसी होती थी।
नानी की कहानियो से पता चला,
परियों की भी दुनिया होती थी।

सारी कहानिया यही सिखाती,
दुःख में ना टूट और सुख में ना इतरा।
संस्कार है ये बचपन के,
किस्से है नानी की कहानी के।

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