हम सब को पता है की बचत करना चाहिए| चाहे वो पैसे की हो या समय की या किसी और चीज़ की|
बचत का फायदा तब होता है जब हमें उस चीज़ की जरुरत सबसे ज्यादा होती है|
एक छोटा सा शहर होता है| लक्ष्मी और बबन वहा रहते है| उनको एक बच्चा रहता है| उसका नाम केशव रहता है| बबन का कपडे का व्यापार होता है| साथ साथ में हाथ की कारीगरी जैसे सिलाई, कढाई उसको काफी अच्छी आती है| वो सारे शहर में इस बात को लेके मशहूर होता है| उसकी बीवी लक्ष्मी घर में ही रहती है| लक्ष्मी को एक बुरी आदत होती है| वो पैसे जो भी मिलते उसको खूब खर्च करती| और टोकने पर बबन से झगडा करती| इस बात को लेकर बबन बड़ा परेशांन था|
एक दिन बबन को बड़ा कपडे का आर्डर मिलता है| कुछ रुपये एडवांस में मिलते है| वो पैसे अपनी बीवी को न देके दुकान में रख देता है| दिन गुजरते जाते है| वो ऐसे पैसे जमा करते जाता है| लक्ष्मी कभी पैसे के बारे में पूछती तो बबन कोई बहाना बनाके टालते जाता|
एक दिन अचानक लक्ष्मी की तबियत ख़राब होती है| उसका चलना फिरना बंद हो जाता है| दुकान बबन का लड़का केशव संभालता है| बड़े अस्पताल में लक्ष्मी का इलाज चलता है| काफी ज्यादा पैसे का बिल बनता है| लक्ष्मी बबन से कहती है, “अजी सुनो तो| मेरे जेवर बेच दो| वैसे भी मेरे किस काम के! अपने पास यहाँ देने के लिए पैसे नहीं है|”
बबन कहता है, ”नहीं लक्ष्मी| वो जेवर तुमने बहोत प्यार से अभी तक सम्भाल रखे है, उसको कैसे बेचे? मैं कुछ करता हु|”
वो दुकान जाता जाता है| अपने पैसे का डिब्बा खोलता है| वहा काफी पैसे होते है| दवाखाने और इलाज के सारे बिल चुकता करता है|
लक्ष्मी घर आती है| और पुछति है, “अपने पास तो पैसे नहीं थे| फिर वो बिल कैसे अदा किया तुमने? कोई कर्जा लिया क्या तुमने?”
बबन बोलता है, “मैं तुम्हारी खर्च करने की आदत से अच्छी तरह वाकिफ था| इसलिए मैंने दुकान में पैसे बचाके रखना चालू किया था| मैं बचत का महत्व जानता हु|”
लक्ष्मी रोने लगी|
“मैं सिर्फ नाम की लक्ष्मी हु| अब से मैं भी आपके काम में मदत करुँगी और बचत भी करुँगी| मुझे माफ़ कर दो|”
सिख :- एक एक करके ही धन जमा होता है| बचत से हम अपने लक्ष को पा सकते है|