मेरा पुराना इश्क| Ek Ashiq Ki Gujarish
हाँ! मेरा पुराना इश्क चाहता हु।
शायद दबा सा,डरा सा सही,
लेकिन सच्चा हमदर्द चाहता हु।
हाँ! मैं आज भी मुहब्बत,
पुराने ज़माने वाली चाहता हु।
हिंदी के लिए हमे डायल करे
हाँ! मेरा पुराना इश्क चाहता हु।
शायद दबा सा,डरा सा सही,
लेकिन सच्चा हमदर्द चाहता हु।
हाँ! मैं आज भी मुहब्बत,
पुराने ज़माने वाली चाहता हु।
तुम मेरे लिए क्या हो,
ये तुम जानते नहीं।
जिक्र सारे जहा से हैं,
लेकिन तुम्हे इसकी कोई फिक्र नहीं।
आँचल हवा में लहरा के,
मेरे मेहबूब का चलना।
जैसे लहरों पे कश्ती का,
सागर से मिलना।
कई ख्वाब सजाये है,
हमने तुम्हारे लिए।
बन जाओ तुम हमसफ़र,
हमारे लिए।
याद है तुम्हे,
वो पहली मुलाकात।
जब हो रही थी बारिश,
और हम थे साथ साथ। ..
दिल ने एक बार जरुर कहा होगा,
काश! मैं और तुम कभी हम बन जाये।
हम कभी कोइ कहानी सुनते है और उसका अंत पता न चले तो कुछ अधुरा सा लगता है।
ऐसे ही कुछ किस्से…अधूरी सी कहानी के…
इंतज़ार पर कविता – काश! तुम आते
बेजान शांखों पर,
शायद फूल खिल जाते।
सूखे दरखतों में,
कोई गीत बजने लगता। intezar shayari
इज़हार ए मुहब्बत हम क्या करे,
बातें हजार हो आँखों से।
जब सामने है वो,
जुबां, दो बातें भी बया न करें।
प्यार के इज़हार पर कविता | Izhaar ki kavita in Hindi