सैनिक | Short Poem On Sainik In Hindi

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सैनिक…..नाम सुनते ही रोम रोम जाग जाता हैं । देश की सेवा करने का मौका मिले इससे बड़ा और क्या काम हो सकता हैं। लेकिन सैनिक कोई युही नहीं बनता। कितनी कुरबानिया देनी होती है ये उसका परिवार ही जानता हैं।

देश के लिए मर मिटने वाला सैनिक जब अपने फर्ज के लिए निकलता हैं तो शायद यही कहता हैं….

मेरा देश मुझे पुकारे,
होशियार हो दुश्मन तू।
सरहद संभाल खड़ा है,
भारत माँ का सैनिक हु।

एक फर्ज तेरा निभाना है,
अगर दूजी जिंदगी मिलेगी तो।
मत रोक मुझे माँ इसबार तू,
मेरा देश मुझे बुलाता हैं।

वापस आऊंगा मिलने जरुर,
यह वादा रहा तुझसे माँ।
चलके आऊंगा वर्दी में,
या लिपटके तिरंगे से।

आंसू न बहाना कोई,
अगर वापस न आया मैं।
देश के लिए कुर्बान हुआ,
सीना चौड़ा कर बताना हैं।

मर के भी सैनिक मरता नहीं,
हौसला देके जाता हैं।
दिल में इंडिया रखने वाला ही,
सैनिक कहलाता हैं।

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