ऐ जिन्दगी | Best Hindi poem on zindagi | Poem on truth of life in Hindi

Aye-jindagi

भीड में खामोशी को ढूंढता।
पता नहीं हर रोज़ मैं तुझसे मिलता।
ऐ जिन्दगी…


गाता हूँ कभी इक नगमा भुला सा।
लफ्जों को छोड़, बस गुनगुनाता हूँ।
ऐ जिन्दगी…


दूरियाँ मीलों की, पर मिलेंगे यह वादा।
जुदाई का गम, तुझे भी तो होगा।
ऐ जिन्दगी…


रुखसत होते, दो हात तो कर जरा।
हौसलों में अभी, कुछ उम्मीद बाकी हैं। 
ऐ जिन्दगी…

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