ये दिल भी कितना पागल होता है। कोई अपना सा लगने लगे तो उसीके सपने संजोने लगता है।ये जानते हुए की हर सपना सच नहीं होता पर,उसी सपनों पर एक आस बांध के जीने को मजबूर करता है ये दिल।
ऐसा ही एक ख्याल, जो किसी के दिल में आया होगा,जो अपना सा लगा होगा,बहोत प्यारा सा लगा होगा।
दिल ने एक बार जरुर कहा होगा,
काश! मैं और तुम कभी हम बन जाये।
याद है तुम्हे,
वो पहली मुलाकात।
जब हो रही थी बारिश,
और हम थे साथ साथ।
अंजान तुम थे,
और बेगानी मैं थी।
पर मेरी आँखों ने,
तुमसे कुछ बात जरुर की थी।
लब्ज तो नहीं थे,
मेरी आँखों के ख़त में।
उतर के देखते तो,
समुंदर सी गहराई मिलती।
सोचती हु हर पल,
काश ये घड़ियाँ बित जाये।
मैं और तुम,
कभी हम बन जाये।