ये बारिशों के पल,
हसीन वादियों में,
रिमझिम बरसात में,
धुंद की ओंट सें ,भींगते।
ये बारिशों के पल,
झरणों की आवाज से,
जंगलों को जगाते,
पत्थरों के सीने से,बहते।
ये बारिशों के पल,
ठंडी हवाओं में,
अनछुही सी खुशबू लीये,
मौसम महकाते।
ये बारिशों के पल,
रूखी सी शाख पे,
मलमल हरियाली,
दुल्हन सी सजाते..
ये पल…
15 Comments on “ये बारिशों के पल | Poem For Rain In Hindi | Best Hindi poem on Barish”
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Behetarin
Thanks!
Wah…barish k pal…mast
धन्यवाद। आपका बोहोत स्वागत है। पढ़ते रहिए।
पत्थरों के सिनेसे बहते।।। wah… What a line… पत्थरों को जिन्दा कर दिया।
धन्यवाद! हमें खुशी है कि आपको हमारा लेखन पसंद आया|
Khupch chaan 👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻
Thanks!
Khup sunder…
धन्यवाद। आपका बोहोत स्वागत है। पढ़ते रहिए।
Superb 👍👍
Thanks!
superb
Wav khup khupach chhan
Thanks a lot for your comments. Keep coming and enjoy our reading.